माह: जून 2020

छुटकारे की आशा

वह आदमी छुटकारे से परे लग रहा था l उसके अपराधों में आठ गोलीबारी (छह की हत्या) और 1970 के दशक में न्यूयॉर्क शहर को दहलाने वाली लगभग 1,500 आग की घटनाएँ शामिल थीं l वह अपने अपराधों के घटनास्थलों पर पत्र छोड़ते हुए पुलिस का मज़ाक उड़ाता रहा, और अंततः उसे गिरफ्तार कर लिए गया और प्रत्येक हत्या के लिए क्रमानुगत पच्चीस साल की सज़ा हुई l

फिर भी परमेश्वर इस आदमी के पास पहुँच गया l आज वह मसीह में एक विश्वासी है जो पवित्रशास्त्र में प्रतिदिन समय व्यतीत करता है, उसने पीड़ित परिवारों के प्रति गहरा खेद व्यक्त किया है, और उनके लिए प्रार्थना करता रहता है l यद्यपि चार दशकों से अधिक समय तक कैद रहने के बाद, यह व्यक्ति जो छुटकारे से परे था, वह परमेश्वर में आशा पाता है और दावा करता है, “मेरी स्वतंत्रता एक शब्द में पायी जाती है : यीशु l”

पवित्रशास्त्र एक और अविश्वसनीय परिवर्तन का वर्णन करता है l दमिश्क के मार्ग पर जीवित मसीह से उसकी मुलाकात से पूर्व, शाऊल(जो बाद में प्रेरित पौलस बन गया) “प्रभु के चेलों को धमकाने और घात करने की धुन में था” (प्रेरितों 9:1) l फिर भी पौलुस का हृदय और जीवन यीशु द्वारा रूपांतरित कर दिया गया (पद.17-18), और वह इतिहास में उसके लिए सबसे शक्तिशाली गवाहों में से एक बन गया l वह व्यक्ति जो एक समय मसीहियों की मृत्यु की योजना बनाता था सुसमाचार की आशा को फैलाने में अपने जीवन को समर्पित कर दिया l

छुटकारा हमेशा परमेश्वर का एक अद्भुत काम है l कुछ कहानियाँ अधिक नाटकीय हैं, परन्तु आधारभूत सच्चाई वही है : हममें से कोई भी उसकी क्षमा के लायक नहीं है, फिर भी यीशु एक शक्तिशाली उद्धारकर्ता है! “जो उसके द्वारा परमेश्वर के पास आते हैं, वह उनका पूरा पूरा उद्धार [करता है]” (इब्रानियों 7:25) l

हस्तांतरित प्रेम

मेरी बेटी नैन्सी ड्रियू (एक जासूसी उपन्यास श्रृंखला) से मोहित हो गयी है l पिछले तीन हफ़्तों में, उसने कम से कम एक दर्जन उपन्यास पढ़े, जिसमें एक जासूस लड़की का वर्णन है l वह जासूसी कहानियों से अपने लगाव/प्रेम को ईमानदारी से दर्शाती है : मैं जब छोटी थी उस समय  भी इन पुस्तकों से प्रेम करती थी, और नीली जिल्द वाली प्रतियां जो मेरी माँ 1960 के दशक में पढ़ती थी अभी भी उनके घर के एक शेल्फ में सजी हुई हैं l

इस स्नेह को स्थानांतरित होते देख मुझे आश्चर्य होता है कि मैं और क्या स्थानांतरित कर रहा हूँ l तीमुथियुस को लिखे अपने दूसरे पत्र में, पौलुस ने लिखा है कि जब उसने तीमुथियुस के बारे में सोचा, तो उसे “निष्कपट विश्वास” याद आया जो तीमुथियुस की दादी और माँ में था l मुझे आशा है कि रहस्यों/जासूसी से प्रेम के साथ, मेरी बेटी विश्वास की विरासत भी प्राप्त कर रही है – और वह सेवा” भी करेगी जैसे उसके नाना-नानी ने भी की है, कि वह प्रार्थना करेगी, और कि वह “उस जीवन की प्रतिज्ञा के अनुसार जो मसीह यीशु में है” थामे रहेगी l (2 तीमुथियुस 1:1) l

मैं यहाँ उन लोगों के लिए भी आशा रखता हूँ जिनके पास यीशु को जानने वाले माता-पिता या नाना-नानी/दादा-दादी नहीं हैं l यद्यपि तीमुथियुस के पिता का उल्लेख नहीं किया गया है, पौलुस तीमुथियुस को अपना “प्रिय पुत्र” (पद.2) कहता है l जिन लोगों के पास विश्वास स्थानांतरित करने वाले परिवार नहीं है, वे अभी भी चर्च में माता-पिता और दादा-दादी/नाना-नानी ढूंढ सकते हैं – ऐसे लोग जो हमें यह जानने में मदद करेंगे कि “पवित्र जीवन” (पद.9) कैसे जिया जाए, और परमेश्वर द्वारा दिए गए “सामर्थ्य और प्रेम और संयम” के उपहारों को ग्रहण किया जाए l हमें (पद.7) l सचमुच, हम सभी के पास एक सुन्दर विरासत है l

फिर से धड़कना आरम्भ करो

2012 में एक अमेरिकी संगीत समूह ने “बीट योर हार्ट टू बीट अगेन” गीत रिलीज किया l यह हार्ट सर्जन की सच्ची कहानी से प्रेरित था l एक मरीज के हृदय को ठीक करने के लिए निकालने के बाद, सर्जन ने उसे फिर से उसके सीने में रखकर उसमें जीवन लाने के लिए उसे धीरे से मालिश करना शुरू किया l लेकिन हृदय फिर से नहीं धड़क रहा था l अधिक गहन उपायों का पालन किया गया, लेकिन हृदय अभी भी धड़क नहीं रहा था l अंत में, सर्जन बेहोश रोगी के बगल में झुक गया और उससे बोला : “मिस जॉनसन, यह आपका सर्जन है l ऑपरेशन पूरी रीति से सफल हुआ है l आपका हृदय ठीक कर दिया गया है l अब आप अपने हृदय को फिर से धड़कने के लिए कहें l” उसका हृदय धड़कने लगा l

यह विचार कि हम अपने शारीरिक हृदय को कुछ करने के लिए कह सकते हैं, अजीब लग सकता है, लेकिन इसमें आध्यात्मिक समानताएं हैं l “हे मेरे प्राण, तू क्यों गिरा जाता है?” भजनकार खुद से कहता है l “परमेश्वर पर आशा लगाए रख” (भजन 42:5) “तू अपने विश्रामस्थान में लौट आ,” एक और भजन कहता है, “क्योंकि यहोवा ने तेरा उपकार किया है” (116:7) l इस्राएल के शत्रुओं को युद्ध में पराजित करने के बाद, न्यायी, दबोरा ने खुलासा किया कि उसने भी युद्ध के दौरान अपने हृदय से बात की थी l उसने उससे कहा था, “हे मन, हियाव बांधे आगे बढ़” (न्यायियों 5:21), क्योंकि प्रभु ने विजय की प्रतिज्ञा की थी (4:6-7) l

हमारे सक्षम सर्जन ने हमारे हृदय को ठीक किया है (भजन 103:3) l इसलिए जब डर, अवसाद, या निंदा आती है, तो शायद हमें भी अपनी आत्माओं को संबोधित करना चाहिये और कहना चाहिये : आगे बढ़ो! मजबूत बनो! कमजोर हृदय, फिर से धड़कना शुरू करो l

जड़वत विश्वास

कई बड़े पेड़ हैं जो 500 साल या उससे अधिक पुराने हैं l उनकी जवानी में, उनकी घुमावदार शाखाएं ऊंची और फैली हुयीं थीं l ठंडी हवा उनकी हरी पत्तियों से खड़खड़ाहट की आवाज़ निकालती है, और पत्तियों के बीच में हवा से बनी जगह से सूरज झांकता है, जिससे पत्तियों की छतरियों के नीचे छाया में प्रकाश की नृत्य करने वाली झलक दिखाई देती है l लेकिन भूमि की सतह के नीचे उनकी असली भव्यता है – उनकी जड़ प्रणाली l पेड़ की मुख्य जड़ लम्बवत बढ़ती है, जो पोषण की एक भरोसेमंद आपूर्ति हासिल करती है l उस मूसला जड़ से, जड़ों की एक बड़ी संख्या क्षितिज के सामानांतर दिशा में फैलकर पेड़ों को आजीवन नमी और पोषक तत्व आपूर्ति करते हैं l यह जटिल जड़ प्रणाली अक्सर पेड़ की तुलना में अधिक बड़े पैमाने पर बढ़ती है, और यह धड़ को स्थिर करने के लिए एक जीवन रेखा और एक लंगर के रूप में समर्थन और सेवा करती है l

इन विशाल पेड़ों की तरह, हमारे जीवन का अधिकाँश विकास सतह के नीचे होता है l जब यीशु ने अपने चेलों को बीज बोने वाले के दृष्टान्त के बारे में बताया, तो उसने पिता के साथ एक निजी रिश्ते में मजबूती से लगाए जाने के महत्व पर ज़ोर दिया l जब हम परमेश्वर के ज्ञान में बढ़ते हैं, जैसे कि शास्त्रों के माध्यम से पता चलता है, हमारे विश्वास की जड़ें उसकी आत्मा द्वारा जीवित रखी जाती हैं l परमेश्वर अपने अनुयायियों को हमेशा बदलने वाली परिस्थितियों, परीक्षाओं, सताव और चिंता में भी उन्नति करने में मदद करता है (मत्ती 13:18-23) l

हमारा प्रेमी पिता अपने वचन से हमारे हृदयों को पोषण देता है l जैसा कि उसकी आत्मा हमारे चरित्र को बदल देती है, वह सुनिश्चित करता है कि हमारे गहरे विश्वास का फल हमारे आसपास के लोगों के लिए जाहिर जो जाए l

ऋण मिटाने वाला

स्तब्ध सिर्फ एक शब्द है जो एक अमेरिकी विश्वविद्यालय में 2019 के स्नातक समारोह में भीड़ की प्रतिक्रिया का वर्णन करता है l अमरीकी दीक्षान्त समारोह वक्ता ने घोषणा की कि वह और उसका परिवार पूरे स्नातक वर्ग के विद्यार्थी ऋण को मिटाने के लिए लाखों डॉलर का दान करेंगे l एक विद्यार्थी जिसके ऊपर - $100,000 (72 लाख रुपये) का ऋण था – अभिभूत स्नातकों में से था, जिन्होंने आँसू और प्रशंसा ध्वनि के साथ अपनी खुशियाँ व्यक्त कीं l

हम में से अधिकाँश ने किसी न किसी रूप में ऋणग्रस्तता(indebtedness) का अनुभव किया है – घरों, वाहनों, शिक्षा, चिकित्सा खर्चों या अन्य चीजों के भुगतान के लिए l लेकिन हमें “भुगतान”! (“PAID!”) का मुहर लगने वाले बिल की आश्चर्यजनक राहत भी अनुभव करने को मिली है l

यीशु को “विश्वासयोग्य साक्षी और मरे हुओं में से जी उठनेवालों में पहिलौठा और पृथ्वी के राजाओं का हाकिम” घोषित करने के बाद, यूहन्ना ने अपने ऋण-उन्मूलन कार्य को भक्ति के साथ स्वीकार किया : “वह हम से प्रेम रखता है, और उसने अपने लहू के द्वारा हमें पापों से छुड़ाया है” (प्रकाशितवाक्य 1:5) l यह कथन सरल है लेकिन इसका अर्थ गहरा है l यह मोरहाउस(Morehouse) स्नातक कक्षा द्वारा सुनी गई अच्छी खबर की घोषणा के आश्चर्य से बेहतर है कि यीशु की मृत्यु (क्रूस पर उसका खून बहाना) हमें उस दंड से मुक्त करती है जो हमारे पापी व्यवहार, इच्छाओं और कर्मों के लायक है l इसलिए कि वह ऋण चुका दिया गया है, जो यीशु पर विश्वास करते हैं, उन्हें माफ़ कर दिया जाता है और वे परमेश्वर के राज्य परिवार का हिस्सा बन जाते हैं (पद.6) यह खुशखबरी समस्त ख़बरों से सर्वोत्तम खबर है!